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Plants With Miraculous Properties: छतरपुर जिले में पाया जाने वाला लाजवंती (छुईमुई) पौधा अपनी अनोखी विशेषता के लिए प्रसिद्ध है, क्योंकि इसकी पत्तियां छूने पर सिकुड़ जाती हैं. यह औषधीय गुणों से भरपूर है और जानवरो…और पढ़ें

छुईमुई या लाजवंती पौधा
हाइलाइट्स
- छुईमुई पौधा छूने पर सिकुड़ जाता है.
- जानवरों की बीमारियों में छुईमुई की जड़ उपयोगी है.
- बरसात में छुईमुई पौधा अधिक मिलता है.
छतरपुर. छतरपुर जिले में एक ऐसा भी अजब-गजब पौधा पाया जाता है जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं. इस पौधे की विशेषता यह होती है कि इसकी पत्तियों को छूने से यह सिकुड़ जाती है. साथ ही इसका औषधि के तौर पर भी उपयोग होता है.
शिक्षक देवसिंह अहिरवार बताते हैं कि साइंस डिपार्टमेंट के टीचर राकेश अहिरवार ने स्कूल में बोटेनिकल गार्डन के रूप में लाजवंती (छुईमुई) का पौधा लगवाया है. ताकि बच्चे देख सकें और उसका महत्व समझ सकें. आयुर्वेद में विभिन्न प्रकार के महत्व बताए गए हैं.
जानवरों के काम आती है ये औषधि
शिक्षक बताते हैं कि छुईमुई का पौधा औषधि के तौर पर बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. जानवरों से संबंधित बीमारियों में इस औषधि की जड़ बहुत काम आती है.
जब मादा जानवर प्रेग्नेंट होती हैं जैसे प्रेग्नेंट भैंस है और वह कमजोर है तब एक ग्रेनी नाम की बीमारी होती है. इस बीमारी में जानवर की योनि से बेली निकलने लगती है तो फिर छुईमुई की जड़ को पीसकर हांथ में लगाकर बेली के सामने दिखाया जाता है तो बेली सिकुड़कर अंदर हो जाती है.
छूने पर सिकुड़ जाती हैं पत्तियां
शिक्षक बताते हैं कि लाजवंती औषधि को छुईमुई के नाम से भी जानते हैं क्योंकि इस औषधि की पत्तियों को छूते ही ये सिकुड़कर बंद हो जाती हैं. हालांकि, कुछ देर बाद फिर से पत्तियां खुल जाती हैं.
शिक्षक बताते हैं कि इसे कहीं भी आसानी से उगा सकते हैं. हालांकि, बरसात के मौसम में ये औषधि ज्यादा देखने को मिलती है.
Chhatarpur,Madhya Pradesh
March 02, 2025, 15:19 IST
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