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Robotic Elephant in School: सेंट जोसेफ सीबीएसई स्कूल में बच्चों ने रोबोटिक हाथी एली से मुलाकात की, जिसे दिया मिर्जा ने आवाज दी. पेटा इंडिया के इस अभियान का मकसद बच्चों को जानवरों के प्रति संवेदनशील बनाना है.

सेंट जोसेफ स्कूल में रोबोटिक हाथी एली
हाइलाइट्स
- सेंट जोसेफ स्कूल में रोबोटिक हाथी एली से मुलाकात हुई.
- दिया मिर्जा ने एली को आवाज दी, बच्चों को संवेदनशील बनाने का प्रयास.
- पेटा इंडिया का अभियान जानवरों के प्रति दया सिखाने के लिए.
बेंगलुरु: अब जरा सोचिए, आप स्कूल में बैठे हो और सामने से एक हाथी, जी हां, हाथी, सूंड हिलाते हुए कहे, “हैलो बच्चों!” तो क्या करेंगे? चौंक तो जाएंगे ही, पर यकीन मानो, सेंट जोसेफ सीबीएसई स्कूल के बच्चे खुशी से उछल पड़े. हालांकि, ये कोई जंगल वाली हाथी नहीं, बल्कि एक नन्ही, प्यारी रोबोटिक हाथी है—एली. अब सोच रहे होंगे, ये रोबोटिक हाथी भी कोई बात हुई? मगर जनाब, जब ये अपनी सूंड हिलाते हुए, मासूम आवाज में अपनी कहानी सुनाती है, तो बच्चों से लेकर बड़ों तक सबका दिल जीत लेती है.
दिया मिर्जा ने दी एली को आवाज
अब ये मत पूछना कि हाथी की आवाज कौन है? ये काम दिया मिर्जा ने संभाला है. वही दिया, जो जानवरों और पर्यावरण के लिए दिल से काम करती हैं और ये सब क्यों हो रहा है? ताकि हमारे नन्हे-मुन्नों को समझ आए कि जानवर सिर्फ देखने या सर्कस में ताली बजाने के लिए नहीं हैं. पेटा इंडिया ने इस अभियान के ज़रिए बच्चों को सिखाने की कोशिश की है कि जैसे हमें जीने का हक है, वैसे ही इन बेजुबानों को भी.
एली की कहानी सुनकर बच्चों का वादा
और मानो या न मानो, जब एली ने अपने जंगल छिनने और इंसानों के लालच की कहानी सुनाई, तो बच्चों की आंखों में वो मासूमियत और दया साफ झलक रही थी. कुछ तो बोले, “हम वादा करते हैं, जानवरों को कभी परेशान नहीं करेंगे!”.
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एली की यात्रा अभी बाकी है!
अरे, ये तो बस शुरुआत है. अब शहर के बाकी स्कूलों में भी एली की मुलाकात बच्चों से कराई जाएगी. सो, हो सकता है कल आपके स्कूल में भी एक हाथी आए—रोबोटिक ही सही, पर दिल की बात कहने वाली. तैयार रहना, हो सकता है अगली कहानी आपको सुनाए!
February 18, 2025, 11:51 IST
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