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वैज्ञानिकों ने बिना जबड़े वाली मछली बोथरियोलेपिस के जीवाश्म में इंसानों जैसे जोड़ पाए हैं, जो रीढ़धारी जानवरों के इतिहास में बड़ा बदलाव दर्शाते हैं. यह खोज जोड़ों के दर्द के उपचार में मदद कर सकती है.

बोथरियोलेपिस (Bothriolepis) में वैज्ञानिकों को कोहनी घुटनों जैसे जोड़े मिले है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
वैज्ञानिक ऐसे जीवों की खोज करने में खासी रुचि रखते हैं जो इंसानो की तरह हों. आमतौर पर इस तरह के जानवर धरती पर मिल जाते हैं. पर कई बार किसी समुद्री जीव से इंसानों की काबिलियत मिलना बहुत ही रोचक खोज की तरह देखा जाता है. हाल ही में हुए एक अध्ययन में ऐसा ही हुआ जब एक मछली की लाश की स्टडी के दौरान उसकी हड्डियों में ऐसा कुछ मिला जिससे शोधकर्ता हैरान रह गए. उन्होंने पाया कि उस मछली में वैसे ही जोड़ हैं जैसे कि आज के इंसानों की कोहनी और घुटने में होते हैं.
एक बड़ी गलतफहमी?
इस पुरातन फॉसिल या जीवाश्म अध्ययन से पता चला है कि कंकालों में लचीलापन आधुनिक समय के जानवरों तक ही सीमित नहीं है. बिना जबड़े वाले जानवरों में अभी तक इस तरह की संरचना कभी भी देखने को नहीं मिली है. इस नई जानकारी से रीढ़ धारी जानवरों के इतिहास में बहुत बड़ा बदलाव करना पड़ेगा.
समुद्री जानवरों में भी!
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की नीलिमा शर्मा की टीम पड़ताल कर रही थी कि इस तरह के जोड़ आखिर जीवन के इतिहास में कहां से शुरू हुए थे. PLOS बायोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में उन्होंने पाया कि जो खासियत केवल जमीन के जानवरों की ही मानी जाती थी. पुराने समुद्री जीवों में भी मौजूद थी. ऐसा उनके हाथ पैर जैसे अंग निकलने से पहले ही हो गया था.

बोथरियोलेपिस (Bothriolepis) में वैज्ञानिकों को कोहनी घुटनों जैसे जोड़े मिले है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
बिना जबड़े वाली मछली में?
शोधकर्ताओं नै बोथरियोलेपिस नाम की मछली के जीवाश्म का अध्ययन किया जिसमें उन्होंने उसके कंकाल में ऐसा कुछ पाया जो कि सिनोवियल जोड़ में ही देखने को मिलता है. जबकि वह तो बिना जबड़े की मछली थी. उन्होंने पाया कि इसकी वजह से वह मछली भी उतनी ही आसानी सी मुड़ सकती थी जैसा कि इंसान अपना शरीर कोहनी और घुटनों की मदद से मोड़ पाते हैं.
एक बड़ा सवाल?
इस अनूठी काबिलियत का इस्तेमाल कर यह मछली शिकारी जानवरों से आसानी से बच कर निकल पाती थी. शोधकर्ताओं के लिए हैरानी की बात यही थी मछलियों के विकास के दौरान ऐसे जोड़ कैसे पनप गए. अब वे यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ये गुण समुद्री जीवों ने विकसित कैसे किया.
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जीवन के इतिहास में आज के दौर के जानवरों के खास, साइनोवियर जोड़ कैसे पनपे यह जानने का मौका मिलेगा. इससे वे जोड़ों के दर्द के विकारों के रोकथाम और उपचारों का पता लगा सकते हैं. ऐसे जोड़ कैसे बने थे. ये जान वे इन जोड़ों में कार्टिलेज का सटीक और आसान इलाज खोज सकते हैं जिनके लिए अक्सर लोगों को घुटनों की सर्जरी करवानी पड़ती है.
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
March 04, 2025, 18:32 IST
पुरानी मछली की लाश की स्टडी कर रहे थे साइंटिस्ट्स, हड्डियों की ने चौंकाया!