खेलने की उम्र में बन गए अधिकारी, ढाई साल में जारी कर दिया प्रमाण पत्र, यहां सामने आया फर्जीवाड़े का गजब मामला

Last Updated:

छत्तीसगढ़ के सरगुजा से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला सामने आया है, जिसमें ढाई साल के बच्चे के हस्ताक्षर से प्रमाण पत्र जारी किए गए.

X

अजब-गजब 

अजब-गजब 

हाइलाइट्स

  • सरगुजा में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का मामला.
  • ढाई साल के बच्चे के हस्ताक्षर से प्रमाण पत्र जारी.
  • जांच जारी, दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां ककहरी सीखने की उम्र में एक बच्चा अधिकारी बन गया और अब लोगों को जन्म प्रमाण पत्र जारी कर रहा है. सरगुजा में कुछ ऐसे जन्म प्रमाण पत्र मिले हैं, जो फर्जी वेबसाइट से बनाए गए हैं. सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जिस अधिकारी के हस्ताक्षर से ये प्रमाण पत्र जारी किए गए, उस वर्ष उनकी उम्र मात्र ढाई साल थी. इस पर अधिकारी ने अपनी ढाई साल की उम्र को लेकर कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि यह किसने किया. जो प्रमाण पत्र बने हैं, वे पूरी तरह फर्जी हैं.

सरगुजा कलेक्टर के कार्यालय से भेजे गए एक संलग्न सहपत्र के अवलोकन से पता चला कि उस जन्म प्रमाण पत्र में जन्म तिथि 1965 अंकित है. अधिकारी ने कहा कि हस्ताक्षर मेरे हैं, लेकिन यह पता नहीं कि इसे किसने प्रतिस्थापित किया और किसने ऐसा किया. यह जाँच का विषय है. उस समय मेरी उम्र ढाई वर्ष रही होगी, और मेरे हस्ताक्षर को किसी ने गलत तरीके से इस्तेमाल किया है.

जांच में जुटी टीम
एडीएम ने बताया कि वेबसाइट फर्जी है इसमे मात्र इतना अंतर है कि स्लैश के स्थान पर डॉट लगाया गया है. इस संबंध में अस्पताल को जिला कलेक्टर के माध्यम से पत्र लिखा गया है, जांच जारी है सभी ऑनलाइन सेंटर में भी टीम जाकर जांच करेगी, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.

क्या है पूरा मामला
मृत्यु पंजीयन विभाग ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जब्त करते हुए इसकी शिकायत जिला रजिस्ट्रार से भी की है. इस मामले में जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक से बात की तो बड़ा खुलासा हुआ. पता चला कि जिला अस्पताल में साल 2013 से जन्म प्रमाण पत्र बनाने की शुरुआत की गई जबकि इससे पहले जन्म प्रमाण पत्र निगम से बनता था इसके अलावा ऑनलाइन प्रमाण पत्र बनाने की शुरुआत साल 2021 से हुई, लेकिन जो सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से बनाए गए हैं वो 2013 के पहले के हैं ऐसे में पहली नजर में ही प्रमाण पत्र फर्जी साबित हो रहे हैं अधीक्षक ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जा रही है इसकी एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी.

प्रमाण पत्र बनाने का यह फर्जीवाड़ा भले ही सरगुजा में पकड़ में आया हो लेकिन इसके तार पूरे प्रदेश में फैले हो सकते हैं. फर्जी वेबसाइट के जरिए हूबहू असल वेबसाइट की कॉपी कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं जिसका दुरुपयोग भी किए जाने की आशंका है. ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन और शासन इस मामले को लेकर कितना गंभीर होता है और इस मामले में किस तरह की जांच और कार्रवाई हो पाती है.

homechhattisgarh

खेलने की उम्र में बन गए अधिकारी, ढाई साल में जारी कर दिया प्रमाण पत्र

Leave a Comment