OMG! ना ईंट-ना सीमेंट, भारत में खुली अनोखी फैक्ट्री, देख लोग रह गए दंग!

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गुड़गांव की Control Z फैक्ट्री, बांस और मिट्टी से बनी भारत की पहली फैक्ट्री है, जो पुराने फोन को नया बनाती है. फाउंडर युग भाटिया ने इसे सस्टेनेबिलिटी के तहत बनाया.

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बांस

बांस की लकड़ियों और मिट्टी से बनी फैक्ट्री

हाइलाइट्स

  • गुड़गांव में Control Z फैक्ट्री बांस और मिट्टी से बनी है.
  • यह फैक्ट्री मोबाइल रिपेयरिंग का काम करती है.
  • फैक्ट्री पर्यावरण के अनुकूल और सस्टेनेबल मटेरियल से बनी है.

दिल्ली: गुड़गांव में स्थित एक अनोखी फैक्ट्री Control Z इन दिनों काफी चर्चा में है. इस फैक्ट्री की खासियत यह है कि इसे पूरी तरह बांस और मिट्टी से बनाया गया है. भारत की यह पहली ऐसी फैक्ट्री है, जिसमें किसी भी तरह की ईंट या कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया. खास बात यह है कि यह फैक्ट्री मोबाइल रिपेयरिंग का काम करती है, जहां पुराने फोन को नया बनाया जाता है.

कैसे आया यह अनोखा आइडिया?
Control Z के फाउंडर युग भाटिया ने बताया कि उनका काम सस्टेनेबिलिटी यानी पर्यावरण के अनुकूल समाधान पर आधारित है. वह पुराने फोन खरीदकर उन्हें रिपेयर कर नए जैसे फोन में बदलते हैं. इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने फैसला किया कि उनकी फैक्ट्री भी सस्टेनेबल मटेरियल से बनाई जाए.
युग भाटिया ने कहा कि “हम जो काम कर रहे हैं, वह पर्यावरण को बचाने की दिशा में एक कदम है. हम पुराने फोन को रिसाइकिल कर नया बना रहे हैं, तो क्यों न हमारी फैक्ट्री भी पूरी तरह इको-फ्रेंडली हो? इसी सोच के साथ हमने इस फैक्ट्री को बांस और मिट्टी से बनाने का फैसला किया.”

सबसे बड़ी चुनौती
युग भाटिया ने बताया कि, इस तरह की फैक्ट्री पहले कभी भारत में नहीं बनाई गई थी, इसलिए इसे बनाना एक बड़ी चुनौती थी. सबसे बड़ी दिक्कत मास्टर कारीगरों की कमी थी, क्योंकि इस तरह का निर्माण कार्य केवल पश्चिम बंगाल और असम के कुछ विशेषज्ञ ही कर सकते थे. उन्हें दिल्ली लाकर काम करवाना बेहद मुश्किल था.
इसके अलावा, उच्च गुणवत्ता वाले बांस की जरूरत थी, जो भारत में सिर्फ नॉर्थ-ईस्ट रीजन में मिलता है. इसे गुड़गांव तक लाना और संरचना तैयार करना भी एक चुनौतीपूर्ण काम था.

कैसा दिखता है यह अनोखा स्ट्रक्चर?
यह पूरी फैक्ट्री लकड़ी और मिट्टी से बनी है. इसकी दीवारें मिट्टी और बांस से बनाई गई हैं, जिससे गर्मी में ठंडक बनी रहती है और सर्दी में गर्माहट मिलती है. इस तरह का निर्माण प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करने का बेहतरीन उदाहरण है.

सस्टेनेबिलिटी की मिसाल
बांस और मिट्टी से बनी यह फैक्ट्री पर्यावरण के लिए बेहद अनुकूल है. यह परियोजना साबित करती है कि यदि सही सोच और प्रयास किए जाएं तो निर्माण के लिए पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाए जा सकते हैं. युग भाटिया का यह कदम भारत में सस्टेनेबल कंस्ट्रक्शन को बढ़ावा देने में एक मिसाल साबित हो सकता है.

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