अजब गजब: यूपी के इस नाले पर IAS, PCS परीक्षा में पूछे जाते हैं सवाल! 6 महीने बहता है सीधा, 6 महीने उल्टा

Agency:News18 Uttar Pradesh

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Ballia: शायद ही आपको पता हो कि यूपी में एक ऐसा नाला है जो सीधा और उल्टा दोनों तरह बहता है. इस नाले को लेकर और भी कई बातें प्रसिद्ध हैं जैसे ये रोग दूर करता है. इतना ही नहीं इससे जुड़े सवाल सिविल सर्विस परीक्षा …और पढ़ें

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अद्भुत

अद्भुत और अनोखा नाला 

बलिया: उत्तर प्रदेश में एक ऐसा नाला है, जिसकी खासियत जानकर आप भी चौंक जाएंगे. यह वही नाला है, जिसका जिक्र आईएएस और पीसीएस जैसी बड़ी परीक्षाओं में कई बार किया गया है. इसे कुष्ठहर, कष्टहर या कटहल नाले के नाम से जाना जाता है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह 6 महीने उल्टा और 6 महीने सीधा बहता है. यह बलिया के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है.

क्या कहना है इतिहासकार का
प्रख्यात इतिहासकार डॉ. शिवकुमार सिंह कौशिकेय ने बताया, “यह उत्तर प्रदेश का एक अनोखा नाला है. इसकी कई विशेषताएं इसे प्रसिद्ध बनाती हैं. पहले इसे कुष्ठहर या कष्टहर नाले के नाम से जाना जाता था, लेकिन अब यह कटहल नाले के नाम से मशहूर हो गया है. यह बलिया के प्रसिद्ध सुरहा ताल और गंगा नदी से जुड़ा हुआ है.”

क्या है मान्यता
यह नाला ऐतिहासिक महत्व रखता है. इससे जुड़े सुरहा ताल में राजा सूरथ ने अपने जीवन का अधिकतर समय बिताया था. कहा जाता है कि राजा सूरथ को कुष्ठ रोग था, लेकिन इसी पानी से स्नान करने के बाद उन्हें इस भयावह रोग से मुक्ति मिली थी. इसी वजह से इसे कुष्ठहर नाला कहा जाने लगा.

साथ ही, यह नाला बलिया जिले को बाढ़ से बचाने में भी अहम भूमिका निभाता है. जब जिले में अधिक जलभराव हो जाता है, तो यह अतिरिक्त पानी को बाहर निकालकर बाढ़ से राहत दिलाता है. इसलिए इसे कष्टहर नाला भी कहा जाता है.

कैसे बहता है उल्टा और सीधा
यह उत्तर प्रदेश का एक अद्भुत नाला है, जो छह महीने उल्टा और छह महीने सीधा बहता है. इसका तात्पर्य यह है कि जब गंगा में पानी अधिक होता है, तो यह नाला उसे सुरहा ताल में छोड़ देता है, और जब सुरहा ताल में पानी ज्यादा हो जाता है, तो यह उसे गंगा नदी में वापस बहा देता है.

इसकी अनूठी विशेषता के कारण आईएएस और पीसीएस परीक्षाओं में इससे जुड़े सवाल कई बार पूछे गए हैं, जैसे, “उत्तर प्रदेश का वह कौन सा नाला है, जो छह महीने उल्टा और छह महीने सीधा बहता है?” यह अनोखा और ऐतिहासिक नाला अब संकट में है.

सरकार से अपील
स्थानीय लोग इसमें कूड़ा-कचरा डालने लगे हैं, जिससे यह पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है. धीरे-धीरे इसका अस्तित्व खतरे में पड़ता जा रहा है. बलिया के विकास का यह मुख्य हिस्सा अब उपेक्षित हो गया है. फिलहाल, सरकार को इस पर ध्यान देने की अति आवश्यकता है, ताकि यह ऐतिहासिक नाला आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रह सके.

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अजब गजब: यूपी के इस अनोखे नाले पर IAS, PCS परीक्षा में पूछे जाते हैं सवाल!

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