Agency:News18 Bihar
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Ajab Gajab: मिथिला क्षेत्र में शादी के पहले दोष निवारण के लिए पेड़ों की शादी करवाई जाती है. मान्यता यह है कि ऐसा करने से जोड़ी हमेशा सलामत रहती है और वर-वधू दोनों के सारे दोष समाप्त हो जाता है.

दो पेड़ की शादी
हाइलाइट्स
- मिथिलांचल में होती है शादी से पहले पेड़ों की शादी
- आम और महुआ पेड़ की कराते हैं शादी
- वर-वधू को दोष मुक्त करने के लिए खास रस्म
मधुबनी. मिथिलांचल में शादी के दौरान एक बड़ा ही गजब का रश्म निभाया जाता है. दरअसल जब लड़की के दरवाजे पर बारात आ जाती है,उस समय दुल्हन और पूरे परिवार किसी आम के बगीचा में जाकर दो पेड़ की आपस में शादी कराते है. आम और महुआ पेड़ की शादी करते हैं . इस रश्म में रिवाज में दोनों पेड़ों को कलावा बांध के उसके बाद वर वधु की शादी होती है क्या है इसके पीछे कहानी जाएंगे.
दो पेड़ की होती है आपस में शादी
मिथिला क्षेत्र में शादी के दौरान दो पेड़ों को आपस में शादी कराई जाती है. बता दें कि आम और महुआ पेड़ की शादी होती है. दरअसल शादी के दौरान जब दरवाजे पर बारात आ जाती है उस समय दुल्हन और उसके जो परिवार के लोग हैं, आमतौर पर चाची, नानी, सगे-संबंधी, दादी सब लोकगीत गाते हुए बगीचे में जाती हैं और वहां पर महुआ और आम के पेड़ का आपस में शादी कराती हैं.
कलावा बांधने के बाद होता है रिश्ता मंजूर
शादी की विधि यह है कि वहां पर दोनों पेड़ों को कलावा बांधने के बाद ठप्पा लगाती हैं. चावल के आटे की घोल के साथ ही सिंदूर आदि से पूजा की जाती है. दोनों पेड़ों का रिश्ता जोड़ा जाता है, तब विवाह में दुल्हन-दूल्हा का रिश्ता जुड़ता है.
क्यों करते हैं ये काम?
दोनों पेड़ों की शादी का एक बड़ा मकसद है बताया जाता है कि मैथिल ब्राह्मण जो हैं, वह शादी से पहले कुंडली दिखाना, मांगलिक दोष को नहीं मानते है. बल्कि मैथिल ब्राह्मण में मांगलिक और बिना मांगलिक वाली शब्द नहीं होती है. शादी के पहले दोष निवारण का काम नहीं होता है. यहां पर सभी वर-वधु को दोष मुक्त करना होता है. यह रस्म करने का अर्थ यही होता है कि नए जोड़े को सांसारिक जीवन का सभी सुख प्राप्त हो, जो भी जोड़े पर बुरा प्रभाव पड़े उससे मुक्त हो जाता है और पेड़ों की शादी में ग्रह कट जाता है.
Madhubani,Madhubani,Bihar
February 03, 2025, 23:03 IST
गजब का है चक्कर! यहां आदमी के बदले होती है पेड़ों की शादी